मंगलवार, दिसंबर 20, 2016

हमें साइकिल क्यों नहीं, महिला श्रमिकों का सवाल

जौनपुर ।ढालगर टोला में गौशाला परिसर स्थित सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय के समक्ष मंगलवार को करीब दो दर्जन महिला श्रमिकों ने सड़क पर लेट करचक्काजाम किया ।आन्दोलनकारी महिलाएं पंजीकृत श्रमिकों को साइकिल वितरण में लिंग के आधार पर भेदभाव किये जाने का मुखर विरोध कर रही थी ।महिलाओं के समर्थन में वे श्रमिक भी आन्दोलन    से जुड़ गए जिन्हें रोज चक्कर काटने पर भी शासन की इस योजना का अभी तक लाभ नहीं मिल सका है।बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा कर उन्हें हटाया और जाम खत्म कराया।
   महिला श्रमिकों का सवाल है कि प्रदेश सरकार की श्रमिक कल्याण योजना के अन्तर्गत मिलने वाली साइकिल से उन्हें क्यों वंचित रखा गया है ।इसे लैंगिक भेदभाव बताते हुए महिला श्रमिकों ने अपने को भी साइकिल वितरण किए जाने की पुरजोर मांग की है 

डायल 100 पुलिस सेवा अब जौनपुर में भी

   जौनपुर ।अब 100 नम्बर डायल करने  पर 15 से 20 मिनट पर जनता को पुलिस सहायता मिलेगी ।
अखिलेश सरकार ने 100 नम्बर डायल सेवा शुरू  करके प्रदेश में अपराध एवं अपराधियों पर नकेल कसने की पहल की है ।अब जनता को 15 से 20 मिनट में पुलिस  अपनी सेवा प्रदान करेगी।
 अपर पुलिस अधीक्षक नगर कमलेश दीक्षित ने बताया कि प्रदेश सरकार के मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की है। जिसकी सेवा जनसामान्य को तुरन्त मुहैया होगी।उन्होंने बताया कि वेस्टर्न यूरोप की तर्ज पर भारत का उत्तर प्रदेश अब पहला प्रदेश बन चुका है जहाँ पर 100 नम्बर डायल करने पर पुलिस 15 से 20 मिनट में लोगों के बीच अपनी सेवा के लिए मौजूद दिखेगी। यह भी बताया कि पहले इलाहाबाद, गाजीपुर, लखनऊ व कानपुर जैसी जगहों पर कन्ट्रोल रूम स्थापित कर पहले चरण में कुछ जिलों में डायल 100 योजना लागू किया गया जहाँ पर पूरी सफलता मिली। अमेरिका व इंग्लैण्ड की पुलिस प्रणाली की जानकारी  लेकर उत्तर प्रदेश में 100 डायल सेवा शुरू करने की मुहिम को पूरा कर अमली जामा पहनाया गया । अब तक 39 जिलों में यह सेवा जनता को सेवा दे रही है।
 एससी सिटी ने 100  डायल सेवा की खूबियों के बारे में बताया कि पीआरवी वैन का संचालन सीधे कन्ट्रोल रूम लखनऊ से रहेगा।जिसकी रिर्पोटिंग एसपी,सम्बधित थाना व कन्ट्रोल रूम को की जाएगी। पीआरवी पर तैनात आरक्षी व सम्बन्धित स्टाफ 12-12 घण्टे कन्ट्रोल रूम के निर्देशों का अनुपालन करेंगे।पीआरवी पूरी तरफ BSNL, वोडाफोन, एअरटेल नेटवर्क, वायरलैस एवं  जीपीएस सिस्टम से लैस रहेगी।पीआरवी से मोबाइल पर वाहन पर लिखे 4 अंकों के आगे 731115 जोड़  कर बात की जा सकती है। काल पूरी तरह रिकार्डेड होगी। सर्वर की समस्या होने पर कन्ट्रोल रूम से सम्पर्क बनाए रखने के लिए संसाधन पीआरवी में मौजूद है। लखनऊ कन्ट्रोल रूम से पी आर वी का सम्पर्क न होने पर पास का दूसरा  कन्ट्रोल रूम काम करना शुरू कर देगा।
इतना ही नहीं 100 नं0 डायल करने वाले व्यक्ति की लोकेशन की वाहन में लगे डिजिटल मैप से चालक को जानकारी मिल जाएगी।जिससे पुलिस सहायता के लिए 15 से 20 मिनट मे पहुँच कर अपनी सेवा देगी। पीआरवी चालक जेसे ही एकनालेज का बटन दबाएगा कन्ट्रोल रूम को जानकारी मिल जाएगी कि उसका संदेश चालक को मिल गया है।आन रूट बटन दबाने पर यह संदेश कन्ट्रोल रूम को पहुँच जाएगा कि पीआरवी रूट के लिए निकल चुका है। रीच्ड बटन दबाने पर यह संदेश पहुँच जाएगा कि पीआरवी घटना स्थल पर पहुँच चुकी है। इसके बाद एक्सन रिपोर्ट कन्ट्रोल रूम, एसपी व थानाध्यक्ष को भेजी जाएगी।
 जौनपुर जिले को प्रथम चरण में 49 बोलेरो मिली थी जिनमे से 15 गाजीपुर तथा 15 बलिया भेज दी गई है।
जनपद में 19 बोलेरो  से पीआरवी की सेवा की शुरूआत हो गई । 100 नंo डायल सेवा का उदघाटन पुलिस लाइन के एक भव्य कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव एवं विधायक मड़ियाहूँ श्रीमती श्रध्दा यादव ,अपर पुलिस अधीक्षक नगर ,सीओ सिटी, समस्त क्षेत्राधिकारी एवं भारी संख्या में मौजूद पुलिस तथा थानाध्यक्षों के बीच हुआ।

शुक्रवार, अगस्त 26, 2016

फिर लौटीं बिना दुल्हन के दोनों ही बारातें


     जौनपुर जिले के सिरकोनी क्षेत्र में कजगांव (टेढ़वा) का ऐतिहासिक और अनोखा कजरी मेला परम्परागत ढंग से सम्पन्न हुआ।प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी मेले में गाजे-बाजे के साथ राजेपुर और कजगांव के लोग हाथी, घोड़ा, ऊंट पर चढ़कर दूल्हे के रूप में आमने - सामने आये।दोनों गाँवों के दूल्हों ने शादी का दावा पेश किया । परम्परानुसार गाली-गलौज कर अपने को दूल्हा बताकर वे शादी के लिये ललकारते रहे लेकिन बात नहीं बनी।हर बार की तरह इस बार भी वे लोग अगले वर्ष फिर बारात लेकर आने की बात कहते हुये बिना दुल्हन के ही वापस लौट गये।  
आपसी सौहार्द एवं भाईचारे का प्रतीक इस कजरी मेला को देखने के लिये दूर-दराज के लोग कई दिन पहले ही यहां आ जाते हैं। मेले में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी । इस ऐतिहासिक मेले की प्राचीनता  के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन करीब 90 वर्ष से चले आ रहे अपने ढंग के इस मेले में गाजे-बाजे के साथ राजेपुर एवं कजगांव के लोग हाथी, घोड़ा, ऊंट पर चढ़कर दूल्हे एवं बारात के रूप में आते हैं।इस बार भी बैण्ड-बाजे की धुन पर बाराती जमकर थिरके लेकिन इस वर्ष भी दोनों गांव से आये दूल्हों की इच्छा पूरी नहीं हो सकी और बिना दुल्हन के ही बारातें वापस लौट गयीं।
    जनश्रुति के अनुसार कजरी के मौके पर रात में बरसात होने के चलते एक गांव की लड़कियां दूसरे गांव में रूक गयीं।गाँव के लोगों ने उन्हें सम्मानपूर्वक आश्रय दिया और सुबह उपहारों के साथ उन्हें उनके घर पहुँचा दिया गया। इस प्रकरण को लेकर दोनों गाँव के लोगों के बीच परिहासपूर्ण बातें हुई, जिसके बाद से यह मेला शुरू हुआ।

    मेले से पूर्व  कजगांव में जगह-जगह मण्डप गड़ जाते हैं, वहाँ महिलाएं मंगल गीत गाती हैं। यही हाल राजेपुर में भी होता  जहां पूर्ण वैदिक रीति के अनुसार मण्डप लगाकर मांगलिक गीत होता है। मेले के दिन महिलाएं बकायदे उसी ढंग से बारात विदा करती हैं जैसे वास्तविक में बारात जाती है। गाजे-बाजे के साथ पोखरे पर बारात पहुंचती है, जहां दोनों छोर पर बाराती शादी के लिये ललकारते हैं लेकिन सूर्यास्त के साथ बिना शादी के बारात वापस चली जाती है। मेले में विवाद वास्तविक  रूप न ले ले इसे ध्यान में रख कर प्रशासन पहले से ही चैकन्ना रहता है। पुलिस, पीएसी व अर्द्धसैनिक बल के जवान पूरे मेला क्षेत्र में रहते हैं। कुल मिलाकर यह मेला पूरी तरह आपसी सौहार्द व भाईचारा का मेला है जो परम्परागत ढंग से होता है।

सोमवार, अगस्त 22, 2016

गोमती नदी उफान पर

जौनपुर में गोमती नदी कई वर्षों के बाद इन दिनों पानी से लबालब भरी हुई है।पीलीभीत (  उद्गम स्थल) से लेकर जौनपुर तक के रास्ते में अच्छी
बरसात से ऐसा संभव हो सका।हालाँकि जौनपुर में अभी पर्याप्त बरसात का अभी इंतजार है लेकिन नदी के रास्ते वाली अन्य जगहों पर भारी बरसात से यहाँ भी नदी उफान पर है ।गोमती नदी के तटीय क्षेत्रों के करीब पानी पहुँचने से वहाँ बसे लोग व्याकुल हैं ।प्रशासन ने भी 'एलर्ट' जारी कर
दिया है । तटवर्ती आवासीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा महसूस किया जाने लगा है ।गौरतलब है कि पिछले पांच वर्षों से बहुत कम पानी बरसने से लगभग सूखे जैसे हालात रहे हैं ।

शनिवार, जुलाई 30, 2016

श्रमजीवी ट्रेन विस्फोट कांड में बांग्लादेश के आतंकवादी रोनी को मिली मौत की सजा


जौनपुर में 11 वर्ष पूर्व 28 जुलाई 2005 को हुए श्रमजीवी  ट्रेन विस्फोट कांड में बांग्लादेश  के आतंकवादी संगठन 'हूजी' से संबद्ध एक अपराधी आलमगीर उर्फ़ रोनी को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।इस वारदात में कुल सात आतंकी शामिल बताए गये थे ।
  जौनपुर के जिला कारागार में ही निरुद्ध
दूसरे आरोपी ओबैदुर्रहमान की सजा  पर 2 अगस्त 2016 को अदालत अपना फैसला सुनायेगी।वारदात की सालों लम्बी सुनवाई के बाद 30 जुलाई 16 को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुद्धिराम यादव की अदालत ने यह पहला फैसला सुनाया ।

  वाराणसी-लखनऊ रेल खंड पर जौनपुर के राजा हरपाल सिंह रेलवे स्टेशन  के पास स्थित हरिहरपुर रेलवे क्रॉसिंग पर  राजगीर (बिहार) से नई दिल्ली जा रही 12391श्रमजीवी ट्रेन में विस्फोट हुआ था। इस कांड में 12 यात्रियों की मौत हो गयी थी,जबकि 60 यात्री घायल हो गए थे । इस घटना में जौनपुर के निवासी अमरनाथ चौबे की मौत हुई थी और घायलों में 5 यात्री जौनपुर के थे।
 इस मामले में राजकीय रेलवे पुलिस की तफ्तीश के दौरान कुल 7 आरोपियों का नाम प्रकाश में आया । इनमें शामिल हिलाल और नफीकुल विश्वास दूसरे मामले में आंध्र प्रदेश के चेरापल्ली जेल में बन्द हैं । विस्फोट कांड का मास्टर माइंड कंचन उर्फ़ शरीफ अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका।एक अभियुक्त याहिया की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो चुकी है । एक अन्य आरोपी डॉ. सईद के नाम की तसदीक नहीं हो सकी ।
  बांगलादेश के निवासी एवं ट्रेन में विस्फोट के आरोपी आतंकी आलमगीर उर्फ़ रोनी का फैसला सुनाए जाते समय सुरक्षा के मद्देनजर दीवानी न्यायालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। जिला कारागार से लेकर दीवानी न्यायालय तक चप्पे चप्पे पर सशस्त्र पुलिस और गुप्तचर तैनात रहे।

गुरुवार, जुलाई 14, 2016

जाम झेलते लोग भी बन रहे कारण

जौनपुर ।शहर में जाम की समस्या से कौन नहीं  परिचित है।हर कोई त्रस्त है।लेकिन कुछ लोग हालात से मुँह मोड़ कर स्वयं भी उसमें अधिक समस्या खड़ी करने लगते हैं ।पता नहीं क्यों पुलिस और प्रशासन के लोग भी देख कर अनदेखा कर देते हैं ।सड़क के किनारे अपना निर्माण करा रहे लोग बालू, गिट्टी,सीमेंट,मिक्सर

 आदि से आधी सड़क /गली का रास्ता रोक देते हैं ।न वे वैकल्पिक प्रबंध की जरूरत समझते हैं और न तो उन्हें कोई समझाने की जहमत उठाता है ।राजा फाटक- शास्त्री पुल बाईपास पर  आज ऐसा ही दृश्य दिखाई दिया ।यह तो मिसाल है ।ऐसे दृश्य शहर में कहीं भी, कभी भी दिखाई देते रहते हैं ।समस्या रोज की है और  समाधान आसान है ।फिर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है ।

बुधवार, जुलाई 06, 2016

मूसलाधार बारिश के बीच जौनपुर में निकली रथयात्रा

जौनपुर नगर के प्राचीन श्री जगन्नाथ जी मंदिर से आज शाम परम्परागत ढंग से रथयात्रा निकाली गयी।मूसलाधार वर्षा और जलप्लावन

 के बावजूद भारी संख्या में  श्रद्धालुओं ने रथयात्रा में भागीदारी की। आकर्षक शोभायात्रा
 में शामिल महिलाओं का उत्साह देखने लायक

 था।भव्य रथ पर भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान थे।रथयात्रा में श्री दुर्गापूजा महासमिति,व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से सम्बद्ध लोग भी शामिल रहे।रामकृष्ण मिशन के स्वयंसेवक पूरे रास्ते कीर्तन करते रहे।

रथयात्रा रासमंडल स्थित श्री जगन्नाथ जी मंदिर से आरम्भ होकर राजा फाटक,अटाला मस्जिद चौराहा,सुतहटी बाजार,कोतवाली चौराहा,चहारसू चौराहा,ओलन्दगंज,सद्भावना पुल और किला रोड होते हुए पुनः मंदिर पर पहुँच कर सम्पन्न हुई। रथयात्रा महोत्सव में अंतिम दिन रविवार को कढ़ी-भात के परम्परागत भोग और भण्डारा का आयोजन है।

सामाजिक सद्भाव बनाये रखने तथा शांति-व्यवस्था की दृष्टि से रथयात्रा पुलिस के सशस्त्र जवानों के घेरे में रही।

मंगलवार, जून 28, 2016

 बेगमगंज में एक अतिक्रमण नहीं हटवा
 पा रहा समूचा प्रशासनिक तंत्र

   जौनपुर। शहर के सुन्दरीकरण की कवायद में प्रशासन जहां एक तरफ लोगों के घरों और दुकानों को तोड़वा रहा है , वही  दबंगों द्वारा सार्वजनिक जमीनों पर कब्जे की कोशिशें भी जारी हैं। बेगमगंज मुहल्ले में मुख्य मार्ग से हौज जाने वाली सड़क के ठीक नुक्कड़ पर ऐसा ही एक कब्जा इसका उदाहरण है।
करीब एक वर्ष पूर्व बेगमगंज में प्रशासन ने तोड़ -फोड़ के बाद सड़क का चौड़ीकरण करवाया । हौज मार्ग के शुरूआती छोर पर उसी समय से नुक्कड़ की एक सार्वजनिक भूमि पर कब्जे की कोशिश जारी है । मुहल्ले के लोगों ने जिलाधिकारी से मौखिक और लिखित शिकायत की। प्रशासन ,नगर पालिका परिषद और पुलिस ने अतिक्रमणकर्ता को चेतावनी दी और कब्जा हटा लेने को कहा।
दिलचस्प बात यह है कि क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा बेगमगंज के इस अतिक्रमण की लगातार शिकायतें की जाती रही हैं लेकिन कब्जे की कोशिश परवान चढ़ती रही। पहले जगह घेरी  गयी, फिर चबूतरा बन गया और नागरिकों के विरोध एवं वहीं की निवासिनी वरिष्ठ अधिवक्ता मंजू शास्त्री द्वारा प्रशासन तथा नगर पालिका परिषद को समय -समय पर सूचित किये जाने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटा । सिर्फ निर्माण की गति धीमी हो गयी ।
क्षेत्रीय नागरिकों के मुताबिक अतिक्रमणकर्ता ने मुख्य मार्ग पर स्थित उस कब्जे की जमीन का किसी से सौदा भी कर रखा है। सौदे में निर्माण करा कर उसे दुकान के रूप में खरीदने वाले के हवाले करने की शर्त शामिल है। इसलिए थोड़े -थोड़े अन्तराल के बाद उसे दुकान की शक्ल देने की कोशिशें जारी हैं । नागरिकों के मुताबिक अतिक्रमण स्थल चौराहे पर बेगमगंज -हौज  मार्ग के नुक्कड़ पर स्थित

 है। अतिक्रमण के चलते ठीक वहीं पर हौज मार्ग की चौड़ाई कम हो गयी है तथा निर्माण के बाद वहा अंधा मोड़ होगा जो लाल दरवाजा मस्जिद की तरफ से आने वाले वाहनों एवं राहगीरों के लिए खतरे का कारण भी बन सकता है । अतिक्रमण के कारण हौज मार्ग से आने वाले वाहनों को भी दाहिने मुड़ते समय लाल दरवाजा मस्जिद की तरफ से आने वाले लोगों /वाहनों को दूर से देखने में असुविधा हेागी।
नागरिकों में इस बात को लेकर चिन्ता है कि लगातार प्रशासन और नगर पालिका परिषद का ध्यान आकर्षित किये जाने तथा दो बार प्रशासन के निर्देश पर पुलिस द्वारा चेतावनी दिये जाने के बावजूद  यह खेल कैसे जारी है । 
समझा जा रहा है कि अतिक्रमण करने वाले लोग मान कर चल रहे हैं कि सरकारी अधिकारियों के पास एक मामले को बार-बार देखने की फुर्सत ही कहां है ? मौका मिलते ही काम निपटा लेंगे।


बुधवार, जून 22, 2016

व्यापारी महापंचायत करेगा उद्योग व्यापार मंडल


"भयमुक्त स्वतंत्र व्यापार" की माँग को लेकर
 दिल्ली में जुटेंगे देश भर के व्यापारी  नेता

        भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने व्यापारी समस्याओं के समाधान के लिए महा पंचायत करने का फैसला लिया है । इसके लिए आगामी 9 अगस्त को देश की राजधानी में समूचे देश से प्रतिनिधि जुटेंगे  और सरकार पर दबाव बनायेंगे।
  तय किये गये कार्यक्रम के अनुसार नई दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में  भारतीय उद्योग व्यापार मंडल राष्ट्रीय सम्मेलन के नाम पर महा पंचायत जुटायेगा । इसमें देश के सभी हिस्सों से व्यापारी प्रतिनिधि हिस्सेदारी करेंगे। व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्र की अगुवाई में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हालिया बैठक में कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है। उस दिन  (9 अगस्त) को 'व्यापारी दिवस' के रूप में मनाया जायेगा।
   राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा तय किये गये कार्यक्रम की सफलता के लिए मंगलवार की शाम जौनपुर उद्योग व्यापार मंडल की एक बैठक में विचार-विमर्श किया गया । संगठन के जिला अध्यक्ष दिनेश टंडन की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय पर सम्पन्न हुई इस बैठक में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रादेशिक मंत्री सूर्यप्रकाश जायसवाल बतौर अतिथि मौजूद रहे । बैठक में प्रस्तावित सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा हुई और तत्सम्बंधित निर्णय लिए गये।                   प्रादेशिक मंत्री सूर्य प्रकाश जायसवाल ने बताया है कि राष्ट्रीय स्तर के उक्त सम्मेलन में दस हजार से अधिक व्यापारी प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे। इसमें गल्ला व्यापारियों के लिए स्टाक सीमा तय करने, जाँच के नाम पर व्यापारियों का उत्पीडऩ किये जाने ,सर्राफा व्यवसाय पर एक्साइज ड्यूटी और अविवेकपूर्ण नियम लादे जाने तथा सरकार द्वारा मानी गयी12 माँगों को पूरा करने जैसे मुद्दे उठेंगे। इस महा पंचायत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विशेष उपस्थिति की संभावना है।     व्यापार मंडल की मंशा है कि देश भर के प्रतिनिधियों के बीच प्रधानमंत्री 'भय मुक्त स्वतंत्र व्यापार ' की परिकल्पना पर सहमति जतायें और इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें।
   गौरतलब है कि कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा व्यापार मंडल में सेंध लगाने से व्यापारी समूह टुकड़ों में बंट गया है।इससे व्यापारी आन्दोलन कमजोर हो गया ।आन्दोलन की धार कुंद होने से केन्द्र एवं राज्य सरकारें व्यापारी मुद्दों पर लापरवाह रवैया अपना रही हैं।   भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के वयोवृद्घ राष्ट्रीय नेता श्याम बिहारी मिश्र इस शून्यता और कमजोरी को समाप्त करना चाहते हैं और प्रस्तावित कार्यक्रम इसी कड़ी में है । श्री मिश्र की राजनीतिक प्रतिबद्धता भाजपा के साथ है लेकिन वे व्यापारी हितों के लिए अपनी पार्टी और अपनी पार्टी की सरकारों से भी संघर्ष करने के लिए जाने जाते हैं।

शनिवार, मई 28, 2016

अपल को "अवार्ड ऑफ ऐक्सीलेंस"

   जौनपुर के  अपल सिंह को लंदन में ससमारोह "अवार्ड ऑफ ऐक्सीलेंस" प्रदान किया गया है। यूके की संस्था 'गिल्ड आँफ टेलीविजन कैमरामैन' का यह प्रतिष्ठित सम्मान कैमरा  क्षेत्र में दिये जाने वाले बड़े अन्तरराष्ट्रीय  पुरस्कारों में शुमार है।अन्तरराष्ट्रीय ख्याति के सिनेमैटोग्राफर अपल सिंह को 2016 के लिए अवार्ड ऑफ ऐक्सीलेंस का सम्मान 2015 में बनी डॉक्यूमेन्ट्री 'इंडियाज फ्रंटियर रेलवेज-द लास्ट ट्रेन इन  नेपाल ' के लिए प्रदान किया गया है । इस पुरस्कार के लिए दुनिया भर से आधा दर्जन डॉक्यूमेन्ट्री फिल्मों को शार्ट लिस्ट किया गया था। लंदन में 22  मई   की शाम 5 बजे (भारतीय समय के अनुसार  तड़के ढाई बजे) उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।यह  डॉक्यूमेन्ट्री बीबीसी फोर के लिए बनी थी। बीबीसी ने यह डॉक्यूमेन्ट्री भारत के सीमावर्ती कस्बे जयनगर (बिहार) और नेपाल के जनकपुर के बीच चलने वाली  ट्रेन पर बनायी है। इसमें अपल सिंह ने मुख्य कैमरामैन की भूमिका निभाई है। 
   'द लॉस्ट ट्रेन  इन  नेपाल '  में दिखाई गयी  और भारत के सीमावर्ती कस्बे जयनगर (बिहार) एवं  नेपाल के जनकपुर के बीच चलने वाली यह  ट्रेन दोनों देशों की सीमा पर रहने वाले लोगों की लाइफ  लाइन थी। सन् 1932 में अंग्रेजों द्वारा मूल रूप से लकड़ी ढोने के लिए चलायी गयी यह ट्रेन बाद में सीमावर्ती लोगों की जरूरत बन गयी ।  आजादी के बाद मुख्य रूप से मंडी व्यापारी और आम लोग इसका उपयोग करते थे। जयनगर (बिहार) और जनकपुर (नेपाल) के बीच चलने वाली इस ट्रेन को चलाने के लिए नेपाल सरकार ने पैसा देना पहले ही बन्द कर दिया था लेकिन इस दुर्गम मार्ग पर विकल्प के अभाव में व्यापारियों द्वारा की जा रही फंडिंग पर यह ट्रेन वर्षाे चली।किराये और माल भाड़े से इस ट्रेन का डीजल,रख-रखाव का खर्च तथा रेलवे कर्मियों के वेतन आदि की व्यवस्था होती थी।अंततः सन् 2014 में घाटे के चलते यह  ट्रेन बन्द हो गयी। खास बात यह भी है कि यह नेपाल की पहली और फ़िलहाल आखिरी ट्रेन थी।
  अपल सिंह हिन्दी भवन संचालन समिति के अध्यक्ष एवं साहित्यकार अजय कुमार के सुपुत्र तथा  स्वतंत्रता सेनानी बाबू रामेश्वर प्रसाद सिंह के सुपौत्र हैंअपल अब तक डाक्यूमेन्ट्री के क्षेत्र में चालीस से अधिक देशों में काम कर चुके हैं। वे बीबीसी,डिस्कवरी,नेशनल ज्योग्राफिक चैनल,एबीसी जैसे संस्थानों के साथ लगातार काम कर रहे हैं ।

 इस डॉक्यूमेन्ट्री को देखने के लिए यू-ट्यूब पर निम्न लिंक को क्लिक कर सकते हैं -
 https://youtu.be/3w2kgXz_jsI