"भयमुक्त स्वतंत्र व्यापार" की माँग को लेकर
दिल्ली में जुटेंगे देश भर के व्यापारी नेता
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने व्यापारी समस्याओं के समाधान के लिए महा पंचायत करने का फैसला लिया है । इसके लिए आगामी 9 अगस्त को देश की राजधानी में समूचे देश से प्रतिनिधि जुटेंगे और सरकार पर दबाव बनायेंगे।
तय किये गये कार्यक्रम के अनुसार नई दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल राष्ट्रीय सम्मेलन के नाम पर महा पंचायत जुटायेगा । इसमें देश के सभी हिस्सों से व्यापारी प्रतिनिधि हिस्सेदारी करेंगे। व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्र की अगुवाई में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हालिया बैठक में कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है। उस दिन (9 अगस्त) को 'व्यापारी दिवस' के रूप में मनाया जायेगा।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा तय किये गये कार्यक्रम की सफलता के लिए मंगलवार की शाम जौनपुर उद्योग व्यापार मंडल की एक बैठक में विचार-विमर्श किया गया । संगठन के जिला अध्यक्ष दिनेश टंडन की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय पर सम्पन्न हुई इस बैठक में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रादेशिक मंत्री सूर्यप्रकाश जायसवाल बतौर अतिथि मौजूद रहे । बैठक में प्रस्तावित सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा हुई और तत्सम्बंधित निर्णय लिए गये। प्रादेशिक मंत्री सूर्य प्रकाश जायसवाल ने बताया है कि राष्ट्रीय स्तर के उक्त सम्मेलन में दस हजार से अधिक व्यापारी प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे। इसमें गल्ला व्यापारियों के लिए स्टाक सीमा तय करने, जाँच के नाम पर व्यापारियों का उत्पीडऩ किये जाने ,सर्राफा व्यवसाय पर एक्साइज ड्यूटी और अविवेकपूर्ण नियम लादे जाने तथा सरकार द्वारा मानी गयी12 माँगों को पूरा करने जैसे मुद्दे उठेंगे। इस महा पंचायत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विशेष उपस्थिति की संभावना है। व्यापार मंडल की मंशा है कि देश भर के प्रतिनिधियों के बीच प्रधानमंत्री 'भय मुक्त स्वतंत्र व्यापार ' की परिकल्पना पर सहमति जतायें और इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें।
गौरतलब है कि कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा व्यापार मंडल में सेंध लगाने से व्यापारी समूह टुकड़ों में बंट गया है।इससे व्यापारी आन्दोलन कमजोर हो गया ।आन्दोलन की धार कुंद होने से केन्द्र एवं राज्य सरकारें व्यापारी मुद्दों पर लापरवाह रवैया अपना रही हैं। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के वयोवृद्घ राष्ट्रीय नेता श्याम बिहारी मिश्र इस शून्यता और कमजोरी को समाप्त करना चाहते हैं और प्रस्तावित कार्यक्रम इसी कड़ी में है । श्री मिश्र की राजनीतिक प्रतिबद्धता भाजपा के साथ है लेकिन वे व्यापारी हितों के लिए अपनी पार्टी और अपनी पार्टी की सरकारों से भी संघर्ष करने के लिए जाने जाते हैं।
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