जौनपुर के मशहूर शायर अंजुम जौनपुरी का हाल में इंतकाल हो गया। वे करीब 67 वर्ष के थे। अंजुम काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। इंतकाल की खबर पहुंची तो साहित्यकारों एवं उनको जानने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके अजमेरी मोहल्ला स्थित उनके आवास पर शुभचिन्तकों तथा कद्रदानों ने पहुँच कर अपनी संवेदना व्यक्त की।
"शेर गोई मेरी आदत है, ऐ अंजुम! बदनसीबी ने मेरे फन को उभरने न दिया,
मरने के बाद कब्र पर आना तुम जरुर,
अंजुम यह कह रहा है कोई बात आखिरी..."
दिल में उतर जाने वाली इन चंद लाइनों की तरह न जाने कितनी गजलों एवं शेरों ने अंजुम जौनपुरी को देश के मशहूर शायरों में शुमार किया था। देश ही नहीं बल्कि सरहद पार पाकिस्तान में भी लोग अंजुम जौनपुरी को पसंद करते थे। उन्होंने उस्ताद कैफ भोपाली से शायरी की सीख ली। इस दौरान फिराक गोरखपुरी, अली सरदार जाफरी, वामिक जौनपुरी, कुमार बाराबंकी व कैफी आजमी जैसे चोटी के शायरों से भी उनके दोस्ताना रिश्ते स्थापित हुए।
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